चूत की बरसात पार्ट 3

हेलो प्यारे दोस्तो ओर प्यारी चूत वाली आंटियो ओर लडकियों सब को मेरा सलाम. अब मे आप लोगों को असली मज़े की कहानी जो सुनाऊंगा वो मेरी स्टोरी के तीसरे पार्ट की सब से मज़े की हे जो की मेरी ओर आंटी रुबीना की हे अब तक मे 2 चूत को मार मार कर शान्त कर चुका था जो की शायद अब दुसरे रूम मे जा कर
आराम से अपनी अपनी चूत की आग ठंडी करके सो रही होंगी खेर अब मे आता हूँ अपनी ओर आंटी रुबीना की कहानी की तरफ. तो दोस्तो हुआ यूँ की अब क्योकी यह तीसरा टाइम था 1 ही रात मे 3 चूत मारना कोई आसान काम तो नही हे ना खेर मे लेट कर आंटी रुबीना की चूत के साथ खेल रहा था. ओर साथ साथ उसके बोबो को भी कभी कभी चूस लेता अब तक वो शायद मेरे साथ 3 बार झड़ चुकी थी ओर आंटी रुबीना  भी मेरे लंड के साथ 30 मिनिट से खेल रही थी. अब मे भी कुछ गर्मी महसूस कर रहा था सेक्स की जिसकी वजह से दोबारा मेरा लंड खड़ा होना शुरु हो चुका था आंटी कभी कभी मेरे लंड के साथ लंड के बॉल भी मुँह मे डाल कर थूक लगा लगा कर गीले कर रही थी ओर उधर मे भी  पागल हो रहा था इसलिये मे साथ साथ उसकी चूत मे उंगली डाल के तेज तेज अन्दर बाहर  कर रहा था ओर जिसकी वजह से अब उसकी चूत गर्म हो कर लाल होना शुरु हो चुकी थी. ओर कुछ कुछ गीली भी.आंटी मेरा लंड पागलों के जेसे चूस रही थी। ओर सच पूछो तो आंटी रुबीना ने मूझे सही तरह जोश दिला था अब तक. ओर मेंरी हालत यह हो चुकी थी की मे भी पागलों के जेसे उस के साथ 69 की पोज़िशन मे हो कर उसकी चूत चुसने लगा ओर वो मेरा लंड हम दोनो को दुसरे रूम से नसरीन ओर शाज़िया इस हालत मे खिड़की से देख रही थी हमे तब पता चला जब उन्होने हमे आवाज़ दी की ओय पागलो कहीं तुम उसकी चूत ओर वो तुम्हारा लंड ही ना खा जाना जीतने तुम पागल होये हो सेक्स मे हाहहहहा. खेर इतने मे आंटी रुबीना की चूत से तेज धार पानी की निकाल गई जो की मेरे मुँह मे जा कर गीरी ओर मे वो पानी पी गया खेर कुछ देर बाद आंटी ने मूझे कहा की बस करो प्लीज अब मारो चूत मेरे से ओर नही रहा जाता. मैने आंटी को बेड से उठने को कहा हम दोनो खड़े हो गये ओर मैने आंटी से कहा की टेबल पर जा कर बेठो आंटी ने वेसा ही किया ओर टेबल पर बेठ गई मेने आंटी के करीब जा कर आंटी की टाँगें उपर उठा कर अपने कन्धों पर रख ली ओर खुद मे ज़मीन पर खड़ा था ओर आंटी की चूत बिल्कुल मेरे लंड के सामने थी आंटी की चूत मेरे लंड से टच होती तो आंटी ओर पागल हो जाती मैने लंड को चूत के छेद पर सेट किया ओर आंटी को कन्धों से पकड कर अपनी तरफ खींचा ओर खुद भी झटका दे कर लंड को अंदर किया जिससे एक ही झटके मे चूत को चीरता हुआ मेरा लंड अंदर घुस गया आंटी एक दम से हिली शायद दर्द की वजह से आंटी रुबीना की चूत की गर्मी मूझे सच मे महसुस हो रही थी मुझे महसुस हो रहा था की सच मे चूत की गर्मी कितनी होती हे.

मे अभी आंटी रुबीना की चूत मार ही रहा था की पीछे से शाज़िया ओर नसरीन दोनो रूम मे आ गईं ओर उन्होने कपड़े उतार दिये ओर मेरे पीछे से आ कर एक ने मूझे अपनी बाहों में भर  लिया ओर दुसरी नीचे झुक कर मेरे लंड के बॉल को चुसने लगी ओर मे साथ साथ आंटी रुबीना  की चूत का गुलाम बन कर उसकी सेवा कर रहा था. नसरीन जो की नीचे बेठ कर मेरे बॉल चूस रही थी वो कभी कभी मेरा लंड हाथ से चूत से बाहर निकाल कर अपने मुँह मे डाल कर चुसती ओर फिर रुबीना आंटी की चूत मे अपने हाथ से डाल देती इस टाइम हम सब पागलों की तरह कमरे मे आवाज़े निकाल रहे थे लेकिन जो हालत आंटी  रुबीना की थी वो पूछो मत उसकी चूत इतना पानी छोड़ चुकी थी की मेरा लंड पूरा गीला हो गया था. ओर अब तक वो पानी छोड़ छोड़ कर खुद भी कमजोरी महसुस कर रही थी. खेर 10 मिनिट ऐसे ही चूत मारने के बाद भी मेरा वीर्य निकलने का नाम नही ले रहा था क्योकी तीसरा टाइम था इसलिये टाइम ज्यादा लगता हे वीर्य निकलने मे. खेर इतने मे रुबीना आंटी ने कहा प्लीज 5 मिनिट रुक जाओ थोड़ा सब्र करके फिर मार लेना चूत मूझे जलन हो रही हे ओर मेने आंटी को छोड़ दिया वो जा कर बेड पर उल्टी लेट गई इतने मे शाज़िया ओर नसरीन दोबारा मेरे साथ चिपक गई.


मैने शाज़िया से कहा की अगर तुम्हारी इच्छा हे तो बताओ मे गांड मारुगा वरना नही. इस पर वो मान गई ओर मेने उसको पकड़ कर उल्टा करके नीचे से रुबीना की चूत के पानी से भरा हुआ लंड सीधा शाज़िया की गांड मे डाल दिया वो एक दम चीख मारती मारती रुक गई ओर नसरीन आगे से आ कर उसके बोबे दबाने लगी ओर शाज़िया साथ साथ उसकी चूत को सहलाने लगी खेर 5 मिनिट के बाद रुबीना ने मुड़ कर देखा ओर कहा की इंसानो की तरह अपने रूम मे जाओ तुम दोनो बस अब यह बारी मेरी थी तुम दोनो क्यो आ गई हो. मैने जब देखा की रुबीना  आंटी नाराज़ हो रही ही तो मैने उन्हे छोड़ कर कहा की जाओ तुम दोनो बस अब. इतने मे दोबारा मे आंटी के पास जा कर लेट गया. अब तक आंटी कुछ ठीक हो चुकी थी मैने आंटी से पूछा की क्या हुआ तो उसने बताया की उसे बेबी ट्यूब तक जलन हो रही ही अभी भी शायद पानी ज्यादा निकलने की वजह से खेर. मैने पूछा तो अब क्या मूड हे उसने कहा की मूड क्या होना हे मज़ा दो मूझे बस जो दिल चाहे करो मैने सुनते ही उससे कहा की अब तुम मेरी गोद मे आ कर बेठो मेरी तरफ मुँह करके नीचे से लंड डलवा कर चूत मे आंटी ने वेसा ही किया ओर अब मे उसकी चूत मे लंड डाल कर साथ साथ उसके बोबे मसल कर चूस रहा था ओर साथ साथ उसकी गांड को नीचे से उठा उठा कर चूत मे लंड डाल रहा था.

यह सिलसिला 5 से 7 मिनिट चला अब फिर आंटी पानी छोड़ चुकी थी ओर कुछ कुछ मे भी अब वीर्य छोड़ने के करीब था. खेर मेने अपना स्टाइल बदल दिया ओर लंड चूत मे डालते हुये ही आंटी को उल्टा कर उसकी टांगे अपनी कमर से जकड़ा दी ओर अब मेरी रफ़्तार ओर भी तेज  हो चुकी थी। कमरे में पचक पचक पूच पूच की आवाज़ें आ रही थी ओर साथ मे हम दोनो की सेक्स की आवाज़ें मुँह से निकल रही थी. रुबीना इतनी गर्म हो चुकी थी की अब तक मेरी कमर पर उसने अपने नाख़ून मार मार कर कितने जख्म कर दिये थे लेकिन उस टाइम मूझे भी महसुस नही हो रहा था ओर मे भी उसकी चूत पागलों की तरह मारे जा रहा था मैने रुबीना के बोबो को काट काट कर लाल कर दिया था ओर दाये बोबे पर काटने से जख्म भी आ चुका था लेकिन उसे भी उस टाइम दर्द महसुस नही हो रहा था शायद सेक्स की वजह से. खेर रुबीना के कान मे मैने पूछा की वीर्य निकालने का दिल करता हे चूत मे निकाल दूँ उसने मना कर दिया लेकिन मेरे प्यार से कहने पर वो मान गई ओर कहा की अगर गर्भवती होने का चान्स हुआ तो…… मैने कहा की लेडी डॉक्टर कोन सी खत्म हो चुकी हैं दुनिया मे। करवा लें ना कुछ ना कुछ। खेर इतने मे साथ साथ चूत मे पहले तो मेरे लंड ने पानी छोड़ा ओर मे समझ गया की मे बस झड़ने वाला हूँ इस लिये मे ओर तेज झटके मारने लगा ओर साथ ही 10 सेकेंड तक मैने इतनी तेज वीर्य की धार चूत मे छोड़ दी जिससे रुबीना ने मूझे ज़ोर से अपने हाथ गले में डाल कर चिपका कर अपनी बाहो मे दबा लिया ओर मूझे किस करने लगी ओर साथ साथ नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूत के साथ दबाने लगी मे भी आराम से उसके उपर लेटा रहा जब तक वो खुद ढीली ना पड़ गई.

अभी भी मेरा लंड उसकी चूत मे ही था जो की आहिस्ता आहिस्ता ढीला होने की वजह से खुद बाहर निकल आया था. इस टाइम सुबह के 5 बज रहे थे. तब मैने आंटी से कहा की अब मूझे जाना चाहिये यह सुन कर उसने मूझे आज पहली बार कहा की आइ लव यू प्लीज़ कल फिर आ जाओ ना मे कल भी अकेली हूँ ओर कल सिर्फ़ मे होंगी ओर पूरी रात बस तुम मूझ से प्यार करना मैने उसकी आँखो मे अजीब सा प्यार देखा ओर मूझे उस पर बहुत प्यार आया जिससे मैने एकदम उसे अपनी बाँहो मे ले लिया ओर लंबी किस की ओर कहा की आइ लव यू टू जान आऊँगा जब भी तुम बुलाओंगी मे आ जाऊँगा. यह सुन कर वो खुश हो गयी ओर मेरी शर्ट अपने हाथ से मूझे पहनाई ओर फिर मेने अपने कपड़े पहने ओर अब उसे अपने हाथो से ब्रा पहनाई ओर शलवार ओर कमीज़ भी फिर वो बाहर दरवाजे तक मेरे साथ आई ओर उसने देखा की बाहर गली मे कोई हे तो नही ना ओर तब मे बड़े आराम से बाहर निकल कर अपने घर मे घुस गया ड्रॉयिग रूम के दरवाजे से. खेर पूरी रात सच मे मैने इतना इन्जॉय किया जिसका अंदाज़ा आप लगा चुके होंगे.

अगले दिन मे दोबारा आंटी के घर किसी बहाने से गया तो देखा की आंटी मेरी चाची के पास बेठी थी ओर बातें कर रही थी ओर मैने बड़े अंदाज़ मे कहा की आंटी क्या बात हे लगता हे आप की तबियत ठीक नही हे आँखे भी लाल हैं आंटी ने मेरी तरफ देखते हुये कहा हाँ वो रात को तबियत ठीक नही थी जिस वजह से सारी रात सो नही सकी आँखें भी लाल हैं. ओर मे साइड की तरफ मुँह करके हंस दिया की आंटी रुबीना केसे बात बदल रही हैं मेरी चाची के सामने अहहहाहहः. खेर उस शाम दोबारा आंटी ने मूझे 7:30 बजे कॉल करके कहा की आज रात दोबारा आ जाना 12 बजे तक ओर मैने हाँ कर दी ………. ओके दोस्तो केसी लगी मेरी स्टोरी प्लीज़ रिप्लाई जरुर करना.

धन्यवाद

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