रुबीना आंटी की गर्म चूत

दोस्तो आप सब को मेरा सलाम आज मे आप सब के लिय अपनी स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ ।  यह बिल्कुल सच्ची कर कहानी हे जो की मेरी ओर आंटी रुबीना की है। हुआ यह की आंटी रुबीना ने अगली रात मुझे 12:15 पर सेल पर मिस कॉल की मे समझ गया की सिग्नल ग्रीन हे ओर मेने तुरंत उसे कॉल किया. उसने कहा की
आज मे घर मे अकेली हूँ. बस मेरा बेटा घर में हे वो उपर वाले रूम मे सौ रहा हे. इसलिय आ जाओ बस तुम 5 मिनिट तक । मे तुरंत तैयार  हुआ ओर रूम के रास्ते बाहर गली मे जाकर देखा तो गली बिल्कुल रात के 12:15 बजे सुनसान थी ओर सर्दी भी थी।

खेर 1 गली मे रहने का हमे यह फ़ायदा हे दोस्तो के 4 घर दूर आंटी रुबीना का घर हे इसलिए  जब चाहू मे मोका देख कर उसकी चूत मार लेता था। मे जब आंटी रुबीना के दरवाजे पर पहुचा  तो अंदर नाइट बल्ब जलने की ग्रीन रोशनी आ रही थी मे दरवाज़ा खोल कर आराम से दबे पावं अंदर चला गया. आंटी चादर ओढकर मेरा इंतज़ार कर रही थी। उसने मुझे इशारा किया हाथ से  की सामने वाले रूम मे चले जाओ खेर मे अंदर चला गया. आज आंटी ने ज़मीन पर बिस्तर लगा रखा था शायद इसलिय की पिछली रात बेड के हिलने का शोर होता रहा था जब मे चूत मार रहा था।

सारी रात आंटी की उसकी सिसकिया खेर आज उस का बेटा घर था इसलिय ज़मीन पर बिस्तर लगा रखा था. कुछ देर बाद आंटी आई उसने आते ही कमीज़ उतार दी ओर आकर हसंने लगी की पता हे कल की मेरी उस जगह पर बहुत ज्यादा जलन होई हे.. मेने पूछा कहाँ तो बताया की 1 तो चूत टाईट थी ओर उपर से तुम ने मारी बहुत कल ओर पानी निकाल के शायद कुछ जलन होती हे खेर जो भी हे।मेने कहा तो फिर आज का प्रोग्राम रहने देते हे.. यह सुन कर उसने कहा पागल कल पति ओर बच्ची आ जायेगे वापिस इसलिय आज मोका अच्छा हे.. चोदो बस शुरु हो जाओ तुम… मेने  यह सुन कर आंटी की सलवार उतार दी जब देखा तो जनाब क्या नज़ारा था उस की चूत पर आज बिल्कुल बाल नही थे।

मेने पुछा तो उसने बताया की तुम्हे पसंद हे ना चिकनी चूत इसलिए आज शेव की तुम्हारी लिए। आंटी ने साथ ही मेरी शर्ट उतारनी शुरु कर दी ओर ट्राउज़र भी. में बिल्कुल नंगा हो गया ओर हम कंबल मे लेट गये ओर आंटी अब मेरा खड़ा हुवा लंड पकड़ कर हिला हिला कर खेल रही थी ओर मे आंटी की चूत को सहला रहा था कुछ देर बाद आंटी उठी ओर मेरी लंड के पास मुहं ले जाकर मुहं मे डाल लिया ओर चूसने लगी।मेरा लंड आंटी ने मेरा 6.5 लंबा लंड 10  से 12 मिनिट चूसा था. फिर मे पागल हो गया ओर मैंने आंटी को साइड में करके 69  की पोज़िशन मे आ गया. मेने कहा बस अब मे तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूगा.. आज चूस चूस कर.. आंटी ने पूरी टांगे खुल ली ओर मे अब आंटी की चूत चूस चूस कर पागल हो रहा था। इतनी नरम चूत थी यार क्या बताऊ खेर कुछ देर बाद आंटी ने 1 पिचकारी छोड़ी ओर उस की चूत का पानी मेरी मुह मे सीधे जाकर गले मे लगा।  मेरा लंड अभी खड़ा था मेने आंटी से कहा की अब बस सीधी हो जाओ चूत की चुदाई के लिए।

आंटी ने कहा आज तुम मुझे नही मे तुम्हे चोदूंगी.. मेने पुछा केसे तो उसने कहा देखते जाओ बस.. मुझे लेटा कर खुद मेरे उपर आकर लंड चूत मे डाल कर लंड पर बेठ गई ओर कुछ देर  बाद आंटी रुबीना हिलने लगी ओर लंड अंदर बाहर करने लगी. अब उसका हाथ मेरी छाती पर  था ओर ज़ोर ज़ोर से हिल हिल कर लंड अंदर बाहर कर रही थी। 15 मिनिट के बाद मुझे फुल सांस चढ़ चुका था लेकिन वो अभी लंड पर जंप किये जा रही थी खेर उसके बाद मेने झटका मार कर आंटी को नीचे लाकर उसकी टांगे उपर उठा कर ओर उस की चूत के नीचे तकिया लगा दिया ओर फिर उसके ऊपर की हुई टाँगों के उपर बेठ कर लंड को उसके मुह के पास ले गया. ओर कहा चूसो अब उसने अच्छी तरह लंड को ज़ोरदार थूंक लगा कर लंड भर दिया ओर मे निचे आकर टाँगों को उठा कर लंड सुराख पर ले गया।

मारा 1 ज़ोर का झटका ओर लंड चीरता हुआ अंदर चूत में चला गया. चूत की आग महसूस करते ही लंड ओर अकड़ गया ओर मे अब आंटी की चूत मे झटके पर झटका मार रहा था. खेर यह सिलसिला एसे ही 12 ,13 मिनिट चला ओर अब मेरा पानी निकलने वाला था. मे साथ साथ आंटी के बोब्स चूस रहा था ओर मेने आंटी से कहा की पानी निकलने वाला हे तो उसने आगे से कहा की बाहर लंड ना निकालना आज चूत मे पानी निकाल दो बस तुम… मे यह सुन कर ओर जोश मे आकर झटके मारने लगा।

फिर कुछ ही सेकेंड मे आंटी की चूत मे ज़ोरदार धार पानी की निकाल दी ओर आंटी ने अपनी चूत को दबाना शुरू कर दिया ओर मेरा सारा पानी चूत ने चूस लिया।

उस रात दोस्तो मेने आंटी की 2 बार चूत मारी ओर आंटी की हालत बुरी हो रही थी आंटी ने उस रात मेरे कहने पर मुझेसे बाथरूम मे जाकर नहाते वक्त चुदवाया ओर सुबह 4:00 बजे मे फिर घर वापिस आ गया।
धन्यवाद

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