पड़ोसी प्रिया दीदी

हाय फ्रेंड्स. में सूरत से मे अपने मम्मी पापा के साथ रहता हूँ यह मेरी B.A की एग्जाम देने के बाद की कहानी है  हमारे बाजू मे एक फैमिली रहती थी उनकी बेटी का नाम प्रिया है पर उनको घर मे सब प्रिया कह कर बुलाते थे प्रिया दीदी की नई नई शादी हुई थी, मे प्रिया को 5-6 साल से जानता था. अब आगे की बात एग्जाम के बाद मे ऐसे ही अपने दोस्तो के साथ इंटरनेट कैफे जाने लगा. मे अपने एक दोस्त निखिल के साथ एक कंप्यूटर शेयर करता था निखिल मेरे से इंटरनेट के बारे मे ज़्यादा जानता था. तो ज़्यादा करके वही साइट सर्च करता था.एक दिन मे इंटरनेट कैफे देर से पहूँचा तो देखा निखिल कंप्यूटर पे बेठा हूआ था और हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ रहा था. मेने देखा वो ज़्यादा भाई-बहन की स्टोरी पढ़ रहा था. मे उसी समय निखिल को बोला यार यह सब बंद कर ले मूझे अच्छा नही लगता. फिर निखिल बोला यार तुझे मालूम नही कभी एक बार तेरे बाजू मे प्रिया [सेजल] दीदी के बारे मे सोच के देख बहूत मज़ा आयेगा. मे यह सुनते ही उसे बोला चल यार मे घर जाता हूँ.

तो निखिल बोला बेठ ना यार तो मे बोला नही यार, फिर वो बोला तू एक बार दीदी के बारे मे सोच के देख. फिर मे उसे पागल बोलते हूये वहाँ से घर की और निकल पड़ा. मे जेसे ही घर पहूँचा तो मेने एक बड़ा सा बैग अपने कमरे मे देखा. और मेरे कमरे के बाथरूम से पानी की आवाज़ आ रही थी. मम्मी किचन मे शाम का खाना बना रही थी.और पापा कही बाहर गये थे. मे तुरंत किचन मे गया और मम्मी से पूछा दीदी आई हे क्या. तो मम्मी बोली हाँ. मे दीदी के बारे मे बताता हूँ. प्रिया दीदी की उम्र 28 साल की है. रंग गोरा. दीदी की शादी 8 महीने पहले हूई थी और दीदी पहली बार शादी के बाद सूरत आई थी वो अपने मम्मी – पापा को सरप्राइज देना चाहती थी तो बिना फोन किये ही सूरत आ गई पर उनका नसीब खराब था की कोई घर पर नही था प्रिया दीदी के मम्मी पापा ऑफीस के काम से बाहर गये हुये थे. तो हमारे घर पे थी मे अपने रूम मे जाकर उन्हे ढूँढने लगा की.

 फिर अचानक किसी ने पीछे से मूझे पकड़ लिया और मेरे गालो को चूमा. मैने तुरंत पीछे देखा प्रिया अपने भीगे बालो पे टावल लपेटे ग्रीन नाइटी पहने बिल्कुल एक औरत की तरह दिख रही थी. मेने दीदी से कहाँ तुम तो बिल्कुल बदल चुकी हो. फिर दीदी ने पूछा तुम्हारी एग्जाम कैसी रही. और हम लोग बाते करने लग गये. जब मे दीदी के साथ बाते कर रहा था तो मूझे मेरे दोस्त निखिल की बाते याद आने लगी मूझे बड़ी अजीब सी फीलिंग होने लगी. मेरे ना चाहते हूये भी मे दीदी के फिगर को देखने लगा. फिर बाहर से पापा आये. और वो भी दीदी के साथ बाते करने लगे. उदाहरण — आपके पति क्या करते हे बोम्बे मे किस जगह रहते हो उनको क्यों साथ नही लेकर आई और भी बाते करने लगे.

फिर मे वहाँ से निकल कर फोन करने चला गया. मेने तुरन्त निखिल को फोन करके अपनी हालत बताई. फिर निखिल बोला मे ना कहता था ऐसा मेरे साथ भी हुआ था और सुन ऐसा सबके साथ होता हे क्योकि हम पहले इंसान है बाद मे रिश्तेदारी मे है इसी का नाम जिंदगी हे. फिर मेने फोन रख दिया. फिर मे दीदी मम्मी पापा सब लोग खाना खाने बेठे खाना खाते हूये मेने देखा दीदी बिल्कुल टीवी सीरियल की प्रेरणा जेसी दिख रही थी. पहले दीदी बहुत पतली थी लेकिन अब तो दीदी की गांड पूरी कुर्सी की दोनो साइड से बाहर निकल रही थी दीदी के बूब्स बहुत बड़े बड़े और आम की तरह थे. मूझे पता नही जीजू ने दीदी को ऐसा क्या किया की दीदी इतनी भारी भारी हो गई. फिर हम लोग खाना खाने के बाद टीवी देखने लगे. मे और दीदी सोफे पर बेठे थे. और मम्मी पापा बाजू के सोफे पे बेठे थे. रात के 10 बजे थे. फिर मम्मी और पापा अपने कमरे मे सोने के लिए चले गये.

फिर दीदी ने अपने आप को सोफे की एक साइड अपना सर रख लिया और अपने दोनों पेरो को मोड के सोफे पे ले लिये. फिर दीदी ने कहाँ मेरे पेर बहूत दर्द कर रहे हे प्लीज़ दबा दो. मेने कहाँ जी दीदी. फिर दीदी ने अपने पेर मेरी गोद मे रख दिये फिर मैने दीदी के पेर दबाना शूरू किया. दीदी के पैर दबाते हूये मे अब गरम हो रहा था. अब मेरा नज़रिया बिल्कुल बदल रहा था. फिर मेने अपने हाथ थोड़ा ऊपर ले जाके दीदी के घुटनो को दबाने लगा. अब मेरे हाथ कभी कभी जांघों तक फेरने लगा. दीदी की जाघे बहूत नरम थी. अब मेरा लंड दीदी के पेरो से दबा हूआ खड़ा हो रहा था मे उसे रोक नही पा रहा था. फिर अचानक दीदी ने पूछा क्या तुमने कोई गर्लफ्रेंड बनाई. मेने शरमाते हूये कहाँ नही दीदी फिर दीदी बोली इसलिये तुम मेरे पेर घुटनो से ऊपर दबा रहे हो. मे तुरंत शरमाते हूये सॉरी बोला तो दीदी बोली अरे पगले इस मे कोई बड़ी बात नही इस उम्र मे ऐसा होता हे फिर दीदी ने कहाँ चलो अब मेरी कमर भी दबा दो. दीदी को मुस्कुराते हूये यह सब बोलते हूये मूझे बहुत अच्छा लगा. फिर दीदी और मे हमारे बेडरूम मे चले गये फिर दीदी मेरे बेड पर उलटी लेट गई.

फिर मे दीदी के बाजू मे बेठ कर दीदी की कमर को दबाने लगा. मे दीदी से बोला आप 1 मिनिट इन्तजार करो में अभी आया. और  मेरा लंड खड़ा होने के कारण मे 61-62 यानी हस्तमैथुन करने के लिये बाथरूम मे चला गया और दीदी ने 2 मिनिट इन्तजार करने के बाद डाइरेक्ट ही बिना बोले बाथरूम मे आ गई और मुझे लंड को आगे पीछे करते देख लिया और मे शर्म के मारे बाहर आ गया फिर दीदी बोली मे बोम्बे से आई तब से तुम मूझे कुछ अलग नज़र से देख रहे हो क्या मूझे तुम इतना पसन्द कर रहे हो. फिर मेने कुछ जवाब नही दिया तो दीदी बोली शरमाओ मत मे तुझको डाटूगी नही. फिर मेने निखिल और मेरे बीच हुई सब बाते बता दी. फिर दीदी ने मुस्कुराते हूये कहाँ तो बोलो मेरे नादान बच्चे मे तुम्हारे लिये क्या कर सकती हूँ. तो मेने अपना सर शरम से नीचे झुका दिया. फिर दीदी बोली अच्छा एक काम करो रूम की लाइट दरवाजा बंद करके यहाँ आओ. फिर मे लाइट और दरवाजा बंद करके पलंग की और आ रहा था तो रूम मे बहुत अंधेरा था और जेसे मे पलंग के करीब आया तो दीदी ने अचानक मेरा हाथ पकड़ के मूझे अपनी गोद मे बिठा दिया रूम मे इतना अंधेरा था की जब मेने अपने दो हाथ दीदी की जांघों पे रखे तब मूझे पता चला की दीदी ने अंधेरा होते ही अपनी नाइटी निकाल के सिर्फ़ ब्रा और पेन्टी मे थी फिर दीदी ने मेरी टी शर्ट निकाल दी और मेरी पेंट भी निकाल दी फिर दीदी ने अपनी ब्रा खोल कर कान मे कहाँ एक मिनिट खड़े हो जाओ तो मे अपनी पेन्टी निकाल दूँ.

फिर मैने दीदी की गोद से खड़ा होकर देखा तो दीदी अब अंधेरे मे सफ़ेद पेन्टी अपनी बड़ी गांड ऊपर करके निकाल रही थी. अब मेरा लंड बहुत कड़क हो चुका था. फिर दीदी पलंग के किनारे बेठे मेरा हाथ पकड़ के मूझे अपनी दोनो जांघो के बीच ले लिया और अपने दोनो नरम होठों से मेरे होठों को चूमने लगी फिर दीदी ने अपनी दोनो भारी जांघों से मेरी कमर को पकड़ के मूझे घुटनो के बल पलंग के किनारे हाफ स्टेंडिंग पोज़ मे कर दिया. फिर दीदी ने अपने एक हाथ को नीचे लेकर अपनी हथेली मेरे दोनो बॉल्स और लंड पे फेरने लगी अब मेरा लंड खीच के ऊपर नीचे होने लगा तो दीदी ने मेरे कान मे कहाँ अच्छा लग रहा हे ना. मे शरमा के हसं दिया तो दीदी भी हँसते हूये मेरा एक हाथ पकड़ के अपने बूब्स पे रखा दीदी का बूब्स बहुत नरम और मुलायम थे और दीदी की निपल छोटी छोटी और दानो जैसी निकली हुई थी फिर दीदी ने मेरा दूसरा हाथ पकड़ के अपनी गीली चूत पे रख दिया. दीदी की चूत का हिस्सा बहुत ही गरम था और दीदी के चूत के दोनो सूजे हूये लिप्स ऐसे लग रहे थे जेसे मानो सास ले रहे हो. फिर दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रख दिया और हँसते हूये बोली बच्चे एक बात का ख्याल रखना की तेरा वीर्य जब निकलने लगे तो उसे बाहर निकाल ना. क्योकी मेरे पति यानी तेरे जीजू को अभी बच्चा नही चाहिये.

फिर उतना बोलते ही दीदी ने अपने दोनो पेरो से मेरी कमर को अपनी और कमर से चिपका दिया अब मेरा पूरा लंड दीदी की चूत मे चला गया था फिर मेने अपने दोनो हाथो से दीदी की कमर पकड़ के मे अपनी कमर हिलाने लगा फिर दीदी ने अपनी चूत अपने हाथो के बल मेरे लंड से दबाने लगी. अब मेरा लंड बहुत जोरो से दीदी की चूत मे फिसल रहा था. और में अपने लंड को दीदी की चूत में जोर जोर से डाल रहा था जिससे दीदी को भी मजा आ रहा था और फिर 15 मिनिट तक ऐसा करने के बाद अब मेरे लंड से पानी निकलने जा रहा था की मेने अपना लंड बाहर निकाल दिया और मेरी चुदाई का सारा वीर्य दीदी की जांघ पे निकाल दिया फिर दीदी ने भी अपनी उगंली तेज़ी से चूत पे रगड के चूत का पानी निकाल दिया और मूझे अपने साथ नंगे बदन सुला दिया और दीदी ने उस रात मुझको खूब  मजे दिये.धन्यवाद …

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